Monday, May 7, 2018

स्त्री हॉर्मोनों और स्तन कैंसर के बारे में थोड़ा विस्तार से , किन्तु सरल भाषा मे

"वस्तुतः जब हम किसी हॉर्मोन को स्त्री-हॉर्मोन कहते हैं , तो हमारा आशय उस हॉर्मोन से होता है , जो स्त्री को जैविक रूप से स्त्री बनाता है। यानी स्त्री की देह का एवं उसका यौन विकास एवं गर्भ-धारण व सन्तान को जन्म देना। अन्यथा स्त्री-हॉर्मोन कहे जाने वाले हॉर्मोनों की उपस्थिति पुरुष-देह में भी होती ही है। यद्यपि यह मात्रा बहुत न्यून होती है।" "आगे।" "दो स्त्री-हॉर्मोन उल्लेखनीय हैं। #ईस्ट्रोजेन व #प्रोजेस्टेरोन।

आपको पता हो कि स्तन-कैंसर के विकास में इन हॉर्मोनों का प्रभाव चिकित्सकों-वैज्ञानिकों ने पाया है।"

 "कैसे ?" "ईस्ट्रोजेन का प्रभाव उल्लेखनीय है। यह हॉर्मोन बच्चियों के देह-विकास में भूमिका निभा कर उन्हें परिपक्व स्त्रियों में बदलता है। एक सामान्य स्त्री अपने जीवन के लगभग तीन दशक ईस्ट्रोजेन व प्रोजेस्टेरोन के प्रभाव में गुज़ारती है।" "कब से कब तक ? कैसे ?" "हर महीने हो रहा अण्डाणु का विकास और उसके बाद होने वाला मासिक धर्म इन्हीं दो हॉर्मोनों के घटते-बढ़ते स्तर का फल है।" "तो ?" "तो यह कि स्त्री के स्तन भी इन हॉर्मोनों के प्रभाव में लम्बे समय रहते हैं। ईस्ट्रोजेन की बढ़ी मात्रा का वैज्ञानिकों ने स्तन-कैंसर से सम्बन्ध पाया है।"

"किस तरह से ईस्ट्रोजेन एक स्त्री के जीवन में स्तन-कैंसर-जैसे दुर्घटना उत्पन्न कर सकता है ?" "जल्दी शुरू हुआ मासिक धर्म यानी स्त्री-स्तन जल्दी ईस्ट्रोजेन के प्रभाव में आये। देर तक चला मासिक धर्म यानी स्त्री-स्तन देर तक ईस्ट्रोजेन के प्रभाव में रहे। हॉर्मोन-रिप्लेसमेंट-थेरैपी में भी ईस्ट्रोजेन होता है। कई गर्भनिरोधक-गोलियों में भी। यानी हॉर्मोन के स्तर को फिर बढ़ाने से रिस्क।"

"और जो मोटापे का स्तन कैंसर से सम्बन्ध ?"

"मोटापा यानी अधिक वसा। आप को बता दूँ कि वसा-कोशिकाओं में भी ईस्ट्रोजेन का निर्माण होता है।"
"और माँ बनना या न बनना ?" " देर से माँ बनना या न बनना स्तन-कैंसर के ख़तरे बढ़ाता है। जिन महिलाओं की अधिक सन्तानें होती हैं , उन्हें कुछ रक्षण मिलता है।" "और स्तन-पान की भूमिका ?" "स्तनपान स्तन-कैंसर में रक्षण का काम करता है।" "तो क्या ईस्ट्रोजेन के स्तर को डॉक्टर कम नहीं कर सकते , ताकि स्तन-कैंसर हो ही न ?" "यह सब इतना सरल नहीं है। ईस्ट्रोजेन के लाभ अनेक हैं। स्त्री का विकास उसके माध्यम से है। फिर भी ईस्ट्रोजेन के प्रभाव से जो स्तन-कैंसर बढ़ते और पनपते हैं , उनको रोकने के लिए चिकित्सा-विज्ञान ईस्ट्रोजेन-रोधी दवाएँ इस्तेमाल करता है।" स्तन-कैंसर के #लक्षण_क्या_हैं और इस रोग को जल्दी पकड़ने के लिए महिलाएँ क्या कर सकती हैं ?" "स्तन-कैंसर के पाँच लक्षण महत्त्वपूर्ण हैं जिनपर हर महिला का ध्यान खींचना ज़रूरी है। स्तन में कोई गाँठ होना , विशेष रूप से अगर यह कड़ी हो , छूने पर इसमें दर्द न होता हो , या यह नीचे की सतह पर जमी हुई हो। कई बार स्पष्ट गाँठ नहीं भी होती और स्तन में आंशिक या पूर्ण सूजन होती है। यह पहला महत्त्वपूर्ण लक्षण है।" "अन्य ?" "कई बार कोई गाँठ काँख में या हँसुली के ऊपर भी हो सकती है। फिर स्तन के ऊपर की त्वचा पर चुचुआहट , जलन या उसका सिकुड़ जाना। स्तन में अथवा निप्पल में दर्द। निप्पल का भीतर सिकुड़ना। स्तन के ऊपर की त्वचा का लाल , पपड़ीदार होना या मोटा होना। स्तन पर कोई घाव उभर आना। स्तन से दूध के सिवा ( विशेषरूप से ख़ून ) कोई स्राव होना।" "क्या ये लक्षण स्तन-कैंसर की पुष्टि करते हैं ?" "न। ये लक्षण केवल इसलिए यहाँ बताये गये हैं , कि ये बड़े महत्त्व के हैं और इनपर तुरन्त ध्यान दिया जाना चाहिए। आगे इनके आधार पर डायग्नोसिस क्या बनती है , यह डॉक्टर देखकर बताएँगे।" "स्तन की गाँठों या समस्याओं के लिए किस विभाग में परामर्श लेना उचित रहता है ?"

"स्तन का सीधा सम्बन्ध प्रसूतिरोग से नहीं है। ऐसे में बेहतर यही है कि किसी जनरल सर्जन या आयुर्वेदिक कैंसर विशेषज्ञ से सम्पर्क किया जाए।" "लेकिन महिलाएँ अधिकतर स्तन-समस्याओं को लेकर स्त्रीरोग-विशेषज्ञों के पास जाती हैं।" "ऐसा वे क्यों करती हैं, यह आप भी समझते हैं। यहाँ हम बात कर रहे हैं कि कौन स्तन-सम्बन्धी गाँठों व अन्य समस्याओं को ढंग से समझ कर उनका निराकरण कर सकता है। सो यह काम जनरल सर्जन या आयुर्वेदिक डाक्टर की दक्षता के अन्तर्गत आता है। जानिए कि स्तन में उभरने वाली #हर_गाँठ_कैंसर_नहीं होती , लेकिन उस पर समुचित ध्यान दिया जाना चाहिए। जानिए कि स्तन में लगी चोट का आगे स्तन-कैंसर होने से कोई सम्बन्ध नहीं पाया गया है। जानिए कि स्तन-कैंसर चालीस से कम उम्र की महिलाओं में भी हो सकता है , यद्यपि संख्या चालीस के आगे बढ़ती है। जानिए कि किसी भी तरह की ब्रा पहनने , डियोडोरेंट लगाने या ऊपर की जेब में मोबाइल फ़ोन रखने से स्तन-कैंसर का कोई सम्बन्ध नहीं पाया गया है। जानिए कि स्तनों के आकार बढ़ाने वाले इम्प्लांट लगाने से स्तन-कैंसर का कोई सम्बन्ध नहीं पाया गया है। जानिए कि स्तन-कैंसर पुरुषों में भी हो सकता है। जानिए कि किसी निकटस्थ रक्त-सम्बन्धी को स्तन-कैंसर होने का अर्थ यह नहीं कि अन्य लोगों को कैंसर होगा ही। जानिए कि स्तन-कैंसर महिला को गर्भावस्था के दौरान भी हो सकता है। जानिए कि स्तन-कैंसर में हमेशा गाँठ नहीं मिलती , अन्य लक्षण भी हो सकते हैं। जानिए कि 'अगर आप धूमपान-मदिरापान नहीं करतीं , वज़न नियन्त्रित रखती हैं और सही भोजन-व्यायाम करती हैं , तो स्तन-कैंसर कभी नहीं हो सकता' , एक अतिआशावादी वाक्य है। कैंसर के ढेरों कारणों के बारे में अभी हम ठीक से जानते नहीं हैं।

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