Monday, May 7, 2018

दस्त / पेचिश या डायरिया / डिसेंट्री और एंटीबायटिक.....

दस्त लगने की दवाई आप मेडिकल-स्टोर से लेंगे , तो वह आपको लगभग हमेशा एंटीबायटिक थमाएगा।

मैं यह नहीं कहता कि दस्त / पेचिश या डायरिया / डिसेंट्री में एंटीबायटिक की कोई भूमिका नहीं है। लेकिन विना भूमिका जाने उपचार करना-कराना लक्ष्यहीन ढंग से गाड़ी चलाना-चलवाना है। और फिर डायरिया कौन सा एक रोग है। वह कौन सा एक कीटाणु , एक कारण से होता है।

सरकारें रात-दिन टी.वी.-रेडियो पर ओ.आर.एस. ( ओरल रीहाइड्रेशन सीरप ) के लिए गला यों ही नहीं फाड़ा करतीं। बालरोग-विशेषज्ञ ऐसे ही नहीं बच्चों के चलते पेट के लिए ओ.आर.एस. न होने की सूरत में तमाम घरेलू नुस्ख़े बताया करते। उसके पीछे पूरा-पूरा आन्त्र-विज्ञान काम करता है। दस्त अमूमन चाहे जिस लिए हो , उसमें होने वाली हानि का मुख्य कारण शरीर से पानी और तमाम खनिजों का मल के रास्ते निकल जाना होता है।

कीटाणुओं अथवा उनसे उत्पन्न होने वाले विषों का दुष्प्रभाव इसके बाद आता है। रोगी की स्थिति में बिगाड़ अथवा सुधार इसपर नहीं निर्भर करता कि आपने कितनी अच्छी एंटीबायटिक चला कर कितनी जल्दी कीटाणु मार दिये , बल्कि इसपर निर्भर करता है कि आपने शरीर से निचुड़ते पानी और लवणों की रोकथाम और भरपाई के लिए कितनी जल्दी क्या किया। और फिर हर कम अवधि का डायरिया बैक्टीरिया अर्थात् जीवाणुओं से नहीं होता। पाँच साल से छोटे बच्चों में 40-50 % दस्त वायरसों ( विषाणुओं ) की बदौलत होते हैं , जिनके लिए कोई एंटीबायटिक कारगर नहीं है। फिर तमाम जीवाणुओं से बनने वाले विष हैं , जो फ़ूड-पॉइज़निंग के अन्तर्गत आते हैं। अन्य परजीवी भी हैं , जो डायरिया की स्थिति पैदा कर सकते हैं। दीर्घकालिक दस्त-रोगों के कारण अलग हैं , जिनको पहचानने के लिए सुयोग्य जठर-रोग-विशेषज्ञ की आवश्यकता पड़ती है।

ऐसे में मनमर्ज़ी से एंटीबायटिक-सेवन लाभ पहुँचाने से रहा , अलबत्ता कई बार हानिकारक सिद्ध हो सकता है। कुल मिलाकर दस्त एक रोग नहीं , रोगों का एक बहुत बड़ा और जटिल समूह है। वह कबसे है , उसकी प्रकृति क्या है , उसके संग अन्य लक्षण क्या हैं --- जैसे तमाम प्रश्न उसके निदान में सहायक सिद्ध होते हैं और फिर विविध जाँचों द्वारा उसकी पुष्टि की जाती है। दस्त के मूल में व्यक्तिगत और सामाजिक अस्वच्छ वातावरण है : ध्यान हमें उसके निराकरण पर देना चाहिए। झटपट एंटीबायटिक-सेवन से हम सशक्त कीटाणुओं की एक ऐसी फ़ौज तैयार कर रहे हैं , जिसका शमन-दमन आसानी से सम्भव नहीं होगा। सुपरबग की सेना सज चुकी है और उसके निर्माण में सभी का योगदान है : रोगी , मेडिकल-स्टोरवाले और डॉक्टर भी।


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