Thursday, June 13, 2019

धूमपान से भी ख़तरनाक होता जा रहा है मोटापा

सिर्फ धूमपान छोड़ने और मोटापा घटाने-भर से भी आप अपने जीवन में कुछ साल और ढेर सारी खुशियाँ जोड़ सकते हैं।

धूमपान से केवल कैंसरों की ही नहीं पनपते , कई अन्य रोगों की आशंका भी धुएँ के कारण बढ़ जाती है। यही नहीं जो लोग सिगरेट-बीड़ी पीने वालों के साथ रहते हैं और परोक्ष रूप से उनका निकाला धुआँ भीतर लेते हैं , वे भी कई बार ढेरों बीमारियों से ग्रस्त हो जाते हैं। धुएँ में अनेक रसायन होते हैं , जिनसे मानव-शरीर पर ढेरों हानिकारक प्रभाव पड़ते हैं। लेकिन अब दिलचस्प बात जो सामने आ रही है , वह यह कि मोटापे की तुलना में धूमपान कहाँ ठहरता है।

मोटापा संसार-भर में महामारी के रूप में फैलता जा रहा है। लोग आवश्यकता से अधिक खा रहे हैं और अधिकांश इस विषय में जागरूक भी नहीं। घर में खाना न बनाना , बार-बार आउटिंग करना या खाना ऑर्डर करना , स्वाद को पोषण पर तरजीह देना --- इन आदतों से वे ढेरों बीमारियों को रोज़ न्यौता दे रहे हैं। मोटापे से केवल हृदय-रोग , स्ट्रोक , डायबिटीज़ और घुटनों के गठिया का ही सम्बन्ध नहीं है , मोटापा स्वयं कई कैंसरों को जन्म देने में महत्त्वपूर्ण योगदान देता है। कुछ ही समय में स्थिति यह आने वाली है जब मोटापा रोगकारक और मृत्युकारक के रूप में धूमपान को भी पीछे छोड़ देगा।

अगर आप धुएँ को पी रहे हैं , तो इसे तत्काल छोड़िए। इससे आपको जीवन के कुछ और वर्ष मिलेंगे। धूमपान को किसी भी रूप में महिमामण्डित करने और सुनने से बचिए --- यह केवल स्वयं को भुलावे और भ्रम में रखना है। फलों और सलाद का सेवन बढ़ाइए , वज़न घटाइए। कसरत नित्य करिए और जंक-भोजन से जितना हो सके , दूर हो जाइए।

दुनिया-भर में जागरूकता के कारण धूमपान घट रहा है , लेकिन जीभ की तलब के कारण मोटापा बढ़ रहा है। यह एक ख़तरे को छोड़कर दूसरे को अपनाने जैसा है। जिस तरह से धूमपान के विरोध में अभियान चलाये जाते हैं , उससे कहीं सक्रियता से हमें मोटापे और जंक-भोजन के खिलाफ अभियान छेड़ने की आवश्यकता है।
( चित्र में दिखाया ग्राफ़ अमेरिकी आँकडों को प्रदर्शित कर रहा है। हम अमेरिका की नकल करते हैं, मौलिक सोचते नहीं। )

डॉ विवेक श्रीवास्तव
जीवक आयुर्वेदा 
हेल्पलाइन: 7704996699

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